भारत को जल्द ही परमाणु क्षमता से लैस एक और स्वदेशी पनडुब्बी आईएनएस अरिदमन मिलने जा रही है। देश की तीसरी स्वदेश निर्मित परमाणु-संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी को जल्द ही नौसेना में शामिल किया जाएगा।
नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने मंगलवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि इस कदम से समुद्र में भारत की ताकत और बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि नौसेना के लिए पहले चार राफेल-मरीन विमान 2029 तक मिलने की उम्मीद है। चार दिसंबर को मनाए जाने वाले नौसेना दिवस से पूर्व वार्षिक प्रेस वार्ता को संबोधित करने हुए उन्होंने कहा कि फिलहाल आईएनएस अरिदमन के परीक्षण चल रहे हैं।
पानी के भीतर करीब 44 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली अरिदमन का पता लगाना काफी मुश्किल है। K- 15 और K-4 जैसी घातक बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस अरिदमन के शामिल होने के बाद यह पहला मौका होगा, जब नौसेना के पास एक साथ तीन सक्रिय परमाणु संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां होंगी। अरिदमन यानी शत्रु का नाश करने वाली सबमरीन से भारत की परमाणु प्रतिरोधक और मारक क्षमता उल्लेखनीय रूप से बढ़ जाएगी।